विशेषण किसे कहते हैं इसके प्रकार

विशेषण किसे कहते हैं इसके प्रकार |विशेषण और विशेष्य में अंतर|विशेषण के प्रकार|विशेष्य किसे कहते हैं|प्रविशेषण क्या होता है|क्रिया विशेषण किसे कहते हैं|

विशेषण किसे कहते हैं?

जो किसी की विशेषता, गुण, दोष, पहचान को बताएं वह विशेषण कहलाता है।

उदाहरण–  कृष्ण, पीला, कमीना, जहरीला, कालिया, भला, बुरा।

विशेष्य किसे कहते हैं?

जिस की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष से कहते हैं। अर्थात या कहा जा सकता है कि विशेष्य एक संज्ञा का शब्द होता है।

उदाहरण– सर्प, कपड़ा, मंत्री, सांप, नाग, आदमी, व्यक्ति,

विशेषण और विशेष्य में अंतर

 

विशेषणविशेष्य
कृष्णसर्प
पीलाकपड़ा
कमीनामंत्री
जहरीलासांप
कालियानाग
भलाआदमी
बुराव्यक्ति

 

विशेषण- विशेष्य के उदाहरण– नरोत्तम, पुरुषोत्तम, हाथकठोर।

प्रविशेषण क्या होता है?

जब किसी विशेषण की विशेषता स्वयं किसी विशेषण के द्वारा बताई जाए तो जो विशेषण की विशेषता बताने के लिए शब्द प्रयुक्त होता है वह प्रविशेषण कहलाता है जैसे–कम, थोड़ा, ज्यादा, बहुत, अधिक ,अत्यधिक आदि

इसे उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास करते हैं 

  1. मेरी माता जी कम मीठा भोजन पसंद करती हैं।   (इस वाक्य में कम — प्रविशेषण ,मीठा–विशेषण, भोजन–विशेष्य है)       
  2. यह घोड़ा बहुत तेज दौड़ता है। (इस वाक्य में बहुत–प्रविशेषण , तेज—विशेषण, दौड़ता—विशेष्य है) 
  3. वह व्यक्ति बहुत अधिक परिश्रम व लगनशील है। (इस वाक्य में बहुत — प्रविशेषण ,अधिक–विशेषण, परिश्रम व लगनशील–विशेष्य है)     
  4. भारत में बनारसी साड़ी बहुत प्रसिद्ध है।(इस वाक्य में बहुत — प्रविशेषण ,बनारसी–विशेषण, साड़ी–विशेष्य है)

क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?

जो क्रिया की विशेषता बताये वह क्रिया विशेषण कहलाता है। जैसे —  

  1. बाहर जाओ
  2. अंदर बैठो
  3. ऊपर चलो
  4. पीछे मुड़ो
  5. धीरे चलो

उपर्युक्त वाक्यों में बोल्ड किया गया शब्द क्रिया विशेषण है।

विशेषण के कितने भेद होते हैं?

विशेषण के चार भेद होते हैं।

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. संख्यावाची विशेषण
  3. परिमाणवाचक विशेषण
  4. सर्वनामिक विशेषण

गुणवाचक विशेषण

जिस शब्द से किसी व्यक्ति वस्तु का गुण, दोष, दशा, दिशा, काला ,स्थान ,रंग, स्वाद, स्पर्श, गंध, स्थिति, आकार का बोध हो गुणवाचक विशेषण कहलाता है।

गुणभला,अच्छा, सुंदर
दोषबुरा,जहरीला,
दशास्वास्थ,अमीर, गरीब
दिशापूर्वी, पश्चिमी, उत्तर
कालानया,प्राचीन,अर्वाचीन
स्थानबनारसी,गुजराती,बंगाली
रंगबैगनी,शुक्ल, पीत,
स्वादखट्टा,मीठा, खारा, लम्बा
स्पर्शमुलायम,कठोर,खुदरा,
गंधसुगंध, दुर्गन्ध
स्थितिशरद, गर्मी,शीतल
आकारनुकीला,लघु,छोटा,विशाल

संख्यावाचक विशेषण

जिस विशेषण शब्द से किसी संख्या का बोध हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे— सौ,दो, तीन, हजार दो हजार,

संख्यावाचक विशेषण कितने प्रकार के होते हैं?

संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं यह निम्न है-

  1. निश्चित संख्यावाची विशेषण
  2. अनिश्चित संख्यावाची विशेषण
निश्चित संख्यावाची विशेषण 

जिस विशेषण से किसी निश्चित संख्या का बोध हो निश्चित संख्यावाची विशेषण कहलाता है। जैसे–

  • मुझे ₹100 चाहिए।
  • तुम मुझे ₹1000 दो।
  • सोहन के पास ₹10000 हैं।
अनिश्चित संख्यावाची विशेषण

जिस विशेषण शब्द से किसी अनिश्चित संख्या का बोध हो उसे अनिश्चित संख्यावाची विशेषण कहते हैं। जैसे–

  • मुझे हजार ₹2000 चाहिए।
  • मुझे एक दो लाख रुपए चाहिए।

परिमाणवाची विशेषण

जिस विशेषण शब्द से परिणाम का बोध हो परिणाम वाचक विशेषण कहलाता है।

Note—  परिणामवाची  विशेषण को मापा या तौला जाता है।

परिणामवाची विशेषण कितने प्रकार के होते हैं?

परिणामवाची विशेषण दो प्रकार के होते हैं जो निम्न है-

  1. निश्चित परिणामवाची
  2. अनिश्चित परिणामवाची
निश्चित परिणामवाची 

उदाहरण–

  1.  बच्चा भूखा है 1 लीटर दूध चाहिए।
  2. तूझे 5 लीटर तेल चाहिए।
अनिश्चित परिणामवाची

उदाहरण–

  • सोनू रो रहा है थोड़ा खाने दो।
  • मुझे कुछ खाने को दो।
  • बच्चा भूखा है थोड़ा दूध चाहिए।

नीचे कुछ संख्यावाची विशेषण और परिणाम वाचक विशेषण के उदाहरण दिए जा रहे हैं इन्हें ध्यान से देखें और अभी तक आपको यह कंटेंट अच्छा लगा हो तो कृपया शेयर करें।

  1. उसका प्रवासी पति सालों बाद लौटा। (अनिश्चित संख्यावाचक)
  2. मोदी की सभा में लगभग 100000 लोग थे। (अनिश्चित संख्यावाचक)
  3. बरसात का पानी छाती तक भर गया।(अनिश्चित परिमाणवाची)
  4. यहां से प्रत्येक 3 घंटे में एक रेल गाड़ी जाती है। (निश्चिंत संख्यावाचक)
  5. चुल्लू भर पानी में डूब मरो। (अनिश्चित परिमाणवाची)
  6. रेशम ने सुरेश से ₹100 उधार लिए थे। (निश्चित संख्यावाची)
  7. तेल का टैंकर पलटने से हजारों लीटर तेल बह गया। (अनिश्चित परिणामवाची)
  8. रिलायंस फैंस में 5 किलो चीनी के लगभग 10 ग्राम जीरा मुफ्त मिल रहा है। (निश्चित परिणामवाची)

सार्वनामिक विशेषण

  1. जहां सर्वनाम का प्रयोग विशेषण के अर्थ में हो वहां सर्वनामिक विशेषण होता है।
  2. जब वह, यह, ये, वे आदि सर्वनाम, विशेषण के अर्थ में प्रयोग किए जाए तो यह सभी सर्वनाम न होकर सर्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।
  3. यह, वह, आदि सर्वनाम का प्रयोग बहुतो ,अनेको में से किसी को अलग करने के लिए किया जाता है तो वह सर्वनामिक विशेषण बन जाते हैं।

उदाहरण

  1. यह गाय 10 लीटर दूध देती है।
  2. वह घोड़ा बहुत तेज दौड़ता है।
  3. यह लड़की बहुत बुद्धिमान व चालाक है।
  4. वे छात्र अधिक शैतानी व उद्दंडता करते हैं।

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इन्हें भी पढ़ें

  1. संज्ञा किसे कहते हैं और उसके भेद।
  2. तत्सम शब्द पहचानने का ट्रिक।
  3. तद्भव शब्द किसे कहते हैं और पहचानने का ट्रिक।
  4. क्रिया किसे कहते हैं और उसके भेद

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