बेसिक शिक्षक बने B.Ed. डिग्री धारक मुश्किल में

बिना ब्रिज कोर्स,बेसिक शिक्षक बने B.Ed. डिग्री धारक मुश्किल में जानिए क्या है पूरा मामला ||ब्रिज कोर्स को लेकर ऐसे फंसा पेंच

बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डिग्री अमान्य कर दी गई है। ऐसे में बिना ब्रिज कोर्स के तीन साल से नौकरी कर रहे  B.Ed डिग्री धारिकों को चिंता सताने लगी है विभाग इनको अब तक ब्रिज कोर्स नहीं करवा सका है। जब सुप्रीम कोर्ट 11 अगस्त 2023 को यह निर्णय सुना दिया कि B.Ed प्राइमरी के लिए एलिजिबल नहीं है क्योंकि सरकार के द्वारा कोई ब्रिज कोर्स डिजाइन ही नहीं किया गया है। अब शिक्षक खुद ब्रिज कोर्स करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन भर्ती को लेकर चल रहा विवाद इसमें रुकावट बन रहा है। बेसिक शिक्षक बनने के लिए बीटीसी ही शैक्षिक योग्यता है समय-समय पर विशिष्ट बीटीसी के तहत B.Ed डिग्री धारकों को भी इसमें मौका दिया गया। इसके लिए उनको 6 माह का विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग (ब्रिज कोर्स) करना जरूरी है। जब भी बीएड वालों को भर्ती में मौका दिया गया तो उनको जॉइनिंग से पहले 6 माह का ब्रिज कोर्स करवाया गया। ऐसे ही 69000 शिक्षक भर्ती साल 2018 में की गई। इसमें भी बीटीसी के साथ बीएड वालों को मौका दिया गया। इनको बिना ब्रिज कोर्स करवाए सीधे जॉइनिंग दे दी गई। तब से नौकरी कर रहे हैं और पूरा वेतन मिल रहा है इनकी संख्या करीब 20000 है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है कि अब B.Ed वाले शिक्षक भर्ती के लिए मान्य नहीं होंगे। यह निर्णय भविष्य की भर्तियों पर लागू है। जिनका पहले ही ब्रिज कोर्स हो चुका है और वे इसके तहत नौकरी कर रहे हैं वह तो निश्चित है। जबकि 69000 शिक्षक भर्ती वाले बी ए ड डिग्री धारकों को चिंता सताने लगी है कि ब्रिज कोर्स नहीं किया तो कहीं भविष्य में कोई दिक्कत ना आ जाए। इसके लिए हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ब्रिज कोर्स करवाने की मांग भी की है। महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एनसीटीई के नियम का हवाला देते हुए कहा कि जल्द इनको ब्रिज कोर्स करवा दिया जाए।

ब्रिज कोर्स को लेकर ऐसे फंसा पेंच

एनसीटीई का नियम पहले से ही है कि बीएड डिग्री वालों को बेसिक शिक्षक बनाया जाता है तो पहले 6 माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। उसके बाद ही स्कूलों में तैनात किया जाएगा। विभाग ने यहां नियमों को दरकिनार कर बिना ब्रिज कोर्स करवाए ही तैनाती दे दी। तब तो शिक्षकों को भी लगा कि उनको सीधे नौकरी मिल गई और उनकी ओर से भी कोई मांग नहीं उठाई  सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उनको यह डर सता रहा है कि कहीं कोई आपत्ति ना उठा दे। वही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भी कई मांग पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने अब हाई कोर्ट का हवाला दे दिया है। सचिन ने लिखा है कि 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट को लेकर ही हाईकोर्ट में केस चल रहा है अगर मेरिट बदलती है तो उसमें भी वर्तमान के कई शिक्षकों की मेरिट बदलेगी। वर्तमान के कुछ शिक्षक बाहर हो सकते हैं। और नए आ सकते हैं ऐसे में हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण अभी ट्रेनिंग नहीं करवाई जा सकती। दरअसल विभाग का मानना है की मेरिट लिस्ट बदली तो फिर नए वालों को फिर ब्रिज कोर्स करवाना पड़ेगा।

ब्रिज कोर्स क्या होता है?

शिक्षक बनने के लिए बीटीसी व B.Ed की डिग्री अनिवार्य मानी जाती है। यह दोनों डिग्री शिक्षक बनने के लिए पर्याप्त है यदि आप प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य करना चाहते हैं तो आपको बीटीसी या फिर डीएलएड की डिग्री लेनी होगी। वही आप जूनियर और माध्यमिक में शिक्षण कार्य करना चाहते हैं तो आपको B.Ed की डिग्री धारण करनी होगी। लेकिन सन 2018 में सरकार के द्वारा बीएड वालों को भी प्राथमिक में शामिल कर लिया गया। लेकिन शर्त यह था कि उन्हें जॉइनिंग के 6 माह के अंदर ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा।

ब्रिज कोर्स छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए के बारे में ट्रेनिंग दिलाता है क्योंकि बीएड की डिग्री प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बने के लिए योग्य नहीं माने जाती है यह अपर प्राइमरी के लिए योग्य माना जाता है।

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