2024लोकसभा चुनाव से पहले मतदाता विचार,सर्वे !|लोकसभा द्वारा 24 चुनाव सर्वे|लोकसभा 2024 चुनाव हिंदुस्तान पब्लिश आर्टिकल
2024 चुनाव को देखते हुए हिंदुस्तान पेपर में छापा एक आर्टिकल का सर्वे कुछ इस प्रकार था जो निम्न सवालों से किया गया —
Table of Contents
नौकरी पाना आज के स्तर में सबसे कठिन
सर्वेक्षण में लोगों ने माना कि बीते 5 वर्षों में रोजगार के अवसरों में गिरावट आई है। जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। इनकी वजह से लोगों को जीवन स्तर संतुलित रखने में परेशानी हो रही है। सर्वे में शामिल लोगों में से 62 फ़ीसदी मानते हैं कि आज के दौर में नौकरी पाना सबसे कठिन हैं। शहर से लेकर गांव तक लोगों के पास रोजगार का संकट है। महिलाओं के लिए मौके और काम हो गए हैं।
महंगाई से हर कोई प्रभावित
71 फ़ीसदी लोगों ने माना कि महंगाई ने घर का बजट हिला दिया है। बीते 5 वर्षों में कीमत तेजी से बढ़े हैं। कोई भी वर्ग महंगाई से अछूता नहीं है। गरीब, काम आए वाले समूह व हाशिए पर गया ग्रामीण समुदाय सर्वाधिक प्रभावित हैं। सर्वे में लोगों ने माना की आर्थिक और समानता तेजी से बढ़ रही हैं, जो आगे मुश्किल खड़ी हो सकती है।
राज्य और केंद्र जिम्मेदार
सर्वे में लोगों ने माना कि बेरोजगारी और महंगाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। उनका मानना था कि सभी वर्गों की बेहतरी के लिए राज्य सरकारों को देश की आर्थिक स्थिति संतुलित रखने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सियासत में अर्थव्यवस्था बड़ा केंद्र होना चाहिए।
कुछ वर्ग ज्यादा आक्रामक :- दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर ज्यादा आक्रामक है। 67 फ़ीसदी मुस्लिम मानते हैं कि उनके लिए नौकरी खोजना दूर की कौड़ी हैं। इसी तरह मुस्लिम समुदाय के 76 फ़ीसदी लोग महंगाई को लेकर ज्यादा गंभीर है।
ऐसे हुआ सर्वे
लोकनीति CSDS ने दिल्ली ,उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान समेत कुल 19 राज्यों की 100 संसदीय सीटों के 400 पोलिंग बूथ पर यह सर्वे किया गया। सर्वे 28 मार्च से 8 अप्रैल के बीच हुआ। इसमें कुल 10019 लोगों ने भाग लिया, जिसने अलग-अलग मुद्दों से जुड़े सवालों पर लोगों की राय जानी गई है।
सर्वे टीम :- हिलाल अहमद, विभा अत्री, अभिनव पंकज बोरबोरा, संजय कुमार, निर्मन्यु चौहान।
विकास के मुद्दे पर लोगों के विचार
सर्वे में विकास के मुद्दे मतदाता भाजपा के साथ दिख रहा है। हालांकि बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भाजपा के सामने चुनौती है। सर्वे में शामिल 50 फ़ीसदी लोगों ने माना कि भाजपा के लिए यह दोनों मुद्दे गंभीर हो सकते हैं। उच्च वर्ग इन मुद्दों में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते, पर ग्रामीण बेरोजगारी और कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा आक्रामक है। कम पढ़े लिखे लोग महंगाई तो अधिक पढ़े लिखे युवा बेरोजगारी के मुद्देको लेकर सजग हैं।
समाचार पत्र हिंदुस्तान दिनांक 12/04/2024 से लिया गया यह आर्टिकल है