12000 से सस्ते चाइनीज फोन भारत में होंगे बैन| चाइनीस कंपनियों के खिलाफ मोदी सरकार का बड़ा फैसला|चाइनीज कंपनियां कर रही टैक्स की चोरी
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12000 से सस्ते चाइनीज फोन भारत में होंगे बैन
12000 से सस्ते चाइनीस फोन भारत में बैन होंगे। यह बात आपको कुछ हैरान कर देने वाली लग रही होगी। पर यह सत्य है क्योंकि मोदी सरकार ने चाइनीज कंपनियों के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है। यह चाइनीज कंपनियां भारत को लूट रहे हैं और बॉर्डर पर हमें धमकाने की कोशिश करते हैं तथा इन चाइनीज कंपनियों के वजह से ही भारत की मोबाइल कंपनीयां लावा, माइक्रोमैक्स और कार्बन जैसी कंपनीयों का नाम और अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो रहा था। पर अब वह दिन खत्म हो रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार ने चाइनीज कंपनियों पर शक्ति से निगरानी करना शुरू कर दिया है।आपको लग रहा होगा कि सरकार अचानक ऐसा कदम क्यों ले रही है और मेरा मानना है कि आप जानने के लिए उत्सुक भी होंगे तो चलिए आपकी उत्सुकता को ना रोकते हुए बता देते हैं।
इनकम छिपाने का है आरोप
चाइनीज कंपनियों को बैन करने का कारण या कहें कि मुख्य कारण यही है कि चाइनीज़ कंपनियां (Oppo Vivo Realme Xiaomi) टैक्स चोरी कर रही हैं आपको यह बात सुनकर बहुत ही आश्चर्य लग रहा होगा कि दूसरे देश की कंपनी भारत में कैसे टैक्स चोरी कर सकती है टैक्स चोरी करना क्या इतना आसान होता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि विदेशी कंपनी भारत में अपना कोई फैक्ट्री लगाती है और उसे लागत के बराबर भी वह व्यापार न कर पा रही है तो उसको घाटे में मान लिया जाता है और उससे टैक्स नहीं वसूला जाता है।
यह चाइनीज कंपनियां भी यही काम करती थी कि वह सरकार के सामने यह ब्योरा देती थी कि वह अपने लागत के बराबर भी व्यापार नहीं कर पा रही हैं। बार-बार उनके द्वारा यही किया जा रहा था जिससे वह अपने इनकम के बारे में जानकारी छिपाने तथा टैक्स से बचने के लिए तथा प्रॉफिट की जानकारी नहीं देने का काम करती आ रही थी। पिछले कुछ सालों के दौरान इन तीनों कंपनियों पर रेगुलेटरी फाइलिंग में अनियमितता का आरोप है। यही सब देखते हुए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इन पर निगरानी करना शुरू कर दी थी। और सरकार ने फैसला किया है कि इनकी बिज़नेस प्रैक्टिसेज की भी जांच की जाएगी।
भारत सरकार के खुफिया एजेंसियों ने चाइनीज कंपनियों के इस चालाकी को समझने में थोड़ा देरी की। यह सोचने वाली बात है कि भारतीय बाजार में चाइनीज फोन का तो डिमांड बहुत ज्यादा है तो फिर यह घाटा कहां से हो जा रहा है क्योंकि भारत में लगभग 80% स्मार्टफोन का मार्केट चाइना के पास है। तो इन कंपनियों को घाटा क्यों हो रहा है इनके कुछ रिपोर्ट नीचे दिए जा रहे हैं कि इनका लागत कितना है और इन्हें प्रॉफिट कितना हुआ है
यह देखने के बाद दोस्तों आपसे एक आग्रह करना चाहता हूं कि इस आर्टिकल को इतना शेयर कीजिए ताकि भारत में चाइनीज समान को बैन करने में जागरूकता लाया जा सके और मेड इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा सके। जिससे भारतीय कंपनी का भी विदेशों में राज हो सके और भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर ले जा सके।
भारत में ही भारतीय कंपनियों का हाल क्या है?
देश में चाइनीज कंपनियों के दबदबे ने भारतीय कंपनियों को कमजोर कर दी है लावा, कार्बन, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स जैसी कंपनियों की बिक्री में भारी गिरावट आई है जो कि भारतीय कंपनी है।
भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी 10% से कम रह गई है। चीनी कंपनियों पर यह भी आरोप है कि वह डिस्ट्रीब्यूशन में स्थानीय कंपनियों से हाथ नहीं मिलाती है। उनके अधिकांश सप्लायर्स चीनी कंपनियां हैं साथ ही कलपूर्जों की सोर्सिंग में भी पारदर्शिता नहीं है।
हम भारत में रहने वाले लोग यह क्यों नहीं समझ पाते कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें भारतीय कंपनियों को आगे लाना होगा। सस्ते स्मार्टफोन के चक्कर में भारतीय कंपनियों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं और मेरा भारतीय कंपनियों से विनम्र निवेदन है कि वह अपना प्रोडक्ट भी चाइनीस कंपनियों के तुलना में अच्छा से अच्छा बनाने की कोशिश करें जिससे भारतीय लोग चाइनीज कंपनियों पर निर्भरता कम कर सकें।
साल हम अपना 75 वा स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं जिसे हम अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं तो इस अमृत महोत्सव पर हम यह प्रण करें कि हम देश के हर एक नागरिक को जागरूक बनाने के लिए यह आर्टिकल शेयर जरूर करेंगे।
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Right sir बहुत अच्छा काम किया है आपने यह आर्टिकल देश के नागरिकों को मेड इन इंडिया को प्रमोट करने में काफी मददगार साबित होगा।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम