क्रिया किसे कहते हैं इसके भेद|क्रिया उदाहरण सहित कक्षा 8

क्रिया किसे कहते हैं इसके भेद|क्रिया उदाहरण सहित कक्षा 8|क्रिया किसे कहते हैं और उसके भेद|क्रिया किसे कहते हैं हिन्दी में|क्रिया की परीभाषा।

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क्रिया की परीभाषा

  • जिस शब्द से किसी काम का होना अथवा करना पाया जाता है उसे क्या कहते हैं।
  • क्रिया शब्द का अर्थ है काम। किसी भी वाक्य में जिस शब्द से किसी काम का होना या करना पाया जाता हैं उसे क्रिया कहते हैं। उदाहरण
  1. रमेश खेलना पसंद करता है।
  2. सानू का गोरखपुर जाना तय है।
  3. पिंटू का टूर्नामेंट में खेलना निश्चित हैं।
  4. मैं गाना गाता हूं।
  5. तुम्हें दौड़ना अच्छा लगता हैं।

क्रिया के बारे में जानने से पहले हमें धातु को जानना होगा तो चलिए अब हम धातु को जानते हैं।

धातु किसे कहते हैं?

जिस मूल शब्द से क्रिया बनती है उसे धातु कहते है।

उदाहरण

  1. क्या तुम चाय पीना चाहते हो।
  2. मैं चॉकलेट खाना चाहता हूं।
  3. मैं बाजार जाना चाहता हूं।
  4. वह खेलना जनता है।

उपर्युक्त वाक्य में पीना , खाना , जाना , खेलना शब्द में पी,खा,जा,खेल, धातु है जिसमे ना जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे साधारण क्रिया कहते हैं। जैसे –

  • पी+ना=पीना
  • खा+ना=खाना
  • जा+ना=जाना
  • खेल+ना=खेलना

धातु के भेद

शब्द निर्माण की दृष्टि से धातु दो प्रकार की होती हैं।

  1. मूल धातु
  2. यौगिक धातु

मूल धातु-  मूल धातु स्वतंत्र होती है या किसी दूसरे शब्द पर निर्भर नहीं होती। जैसे– पढ़, खा, लिख, पी, चल आदि।

यौगिक धातु – यौगिक धातु स्वतंत्र नहीं होती यह किसी प्रत्यय की योग से बनती है और उस पर निर्भर करती है।जैसे– चलना से चला।, देखना से दिखा।,, पढ़ना से पढ़ा आदि।

हमने धातु के बारे में और धातु के वर्गीकरण को देखा अब हम क्रिया के भेद को जानेंगे अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लग रहा हो तो कृपया इसे शेयर जरूर करें।

क्रिया के कितने भेद होते हैं?

रचना या कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं।

  1. अकर्मक क्रिया
  2. सकर्मक क्रिया

अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं?

  • जहां कर्म अनुपस्थित होता है वहां अकर्मक क्रिया होती है।
  • अकर्मक क्रिया के वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है।
  •  क्रिया के फल का प्रभाव सीधे कर्ता पर पड़ता है।
  • जहां कार्य संपन्न होता है उसे आधार कहते हैं।
  • अकर्मक क्रिया वाले वाक्य में क्या लगाने से उत्तर प्राप्त नहीं होता। जैसे —
  1. राम पढ़ता है।
  2. सीता गाती है।
  3. पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
  4. मोर जंगल में नाचते हैं।
  5. खिलाड़ी मैदान में खेलते हैं।

Note– मोटे अक्षरों में लिखे शब्द अकर्मक क्रिया हैं।

 सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं?

  • सकर्मक क्रिया वाले वाक्य में कर्म उपस्थित होता है।
  • इस प्रकार के वाक्यों में कर्म की प्रधानता होती है।
  • वाक्य में कर्ता के होते हुए क्रिया के फल का प्रभाव सीधे कर्म पर पड़ता है।
  • वाक्य में क्या लगाने पर उत्तर प्राप्त होता है। जैसे —
  1. मोहन ने पुस्तक पढ़ी।
  2. सीता ने गाना गाया।
  3. राधा गीत गाती है।
  4. बच्चे आकाश में पतंग उड़ाते हैं।
  5. आकाश मैदान में क्रिकेट खेलता है।
  6. मैं बाजार सब्जी लाने जाता हूं।

Note– मोटे अक्षरों में लिखे शब्द अकर्मक क्रिया हैं।

अर्थ या प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद

अर्थ या प्रयोग के आधार पर क्रिया के निम्न भेद है

  1. मूल क्रिया
  2. सामान्य क्रिया
  3. साधारण क्रिया
  4. सहायक क्रिया
  5. संयुक्त क्रिया
  6. पूर्वकालिक क्रिया
  7. प्रेरणार्थक क्रिया
  8.  द्विकर्मक क्रिया
  9. नामधातु क्रिया
  10.  क्रियार्थक संज्ञा

मूल क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

क्रिया का सबसे छोटा रूप मूल क्रिया या धात कहलाता है। जैसे — खा, पी, खेल, हंस, चल, जा, गा, लिख आदि।

सामान्य क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब मूल क्रिया में ना प्रत्यय जोड़ दिया जाता है तो सामान्य क्रिया कहलाता है। जैसे — खाना ,पीना, खेलना, पढ़ना, हंसना, चलना, जाना, गाना आदि।

साधारण क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब क्रिया के मूल रूप में कर जोड़ने पर बना हो तो वह साधारण क्रिया होती है।जैसे — देखकर, बैठकर, उछलकर, खेलकर, लिखकर, पढ़कर, सोकर, कूदकर,आदि।

धातु + कर = साधारण क्रिया

सहायक क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब मूल क्रिया में निम्न प्रत्यय शब्द जुड़े तो सहायक क्रिया होती है।

  • मूल क्रिया में + ता/ ती/ते + हैं/ हों/हूॅं
  • मूल क्रिया में + रहा/ रही/ रहे + हैं/ हों/हूॅं था/ थी /थे
  • मूल क्रिया में + चुका /चुकी /चुके
  • मूल क्रिया में + होगा/ होगी /होंगे

संयुक्त क्रिया किसे कहते उदाहरण सहित

(1) जहां दो क्रिया एक साथ शुरू हो और एक साथ समाप्त हो वहां संयुक्त क्रिया होती है। जैसे —

  1. वह दौड़ते-दौड़ते थक गया।
  2. वह उसे अचानक मार बैठा।
  3. दाल में घी डाल देना।

(2)  जहां कार्य का आरंभ होना पाया जाए वहां संयुक्त क्रिया होती है। जैसे —

  1. पानी बरस रहा है।
  2. वर्षा आरंभ हो चुकी है।
  3. बिजली चमक रही है।

(3)‌‌ जहां सनातन सत्य हो या सार्वभौमिक सत्य हो वहां संयुक्त क्रिया होती है जैसे —

  1. सूरज पूर्व से निकलता है।
  2. पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है।

(4) जहां धमकी दी जाए वहां संयुक्त क्रिया होती है।जैसे —

  1. तुझे देख लूंगा।
  2. कल तुम को छोड़ेंगे नहीं।
  3. मैं तुम को जान से मार दूंगा।

(5) जहां विवशता, मजबूरी दिखाई दे वहां संयुक्त क्रिया होती है जैसे —

  • गरीबों की बीवी सभी की भाभी होती हैं।

(6) जहां अवकाश व कार्य समाप्ति दिखाई जाए वहां संयुक्त क्रिया होती है जैसे —

  1. मैं अब जा रहा हूं।
  2. चलो अब चलते हैं।
  3. मैं कल नहीं आऊंगा।

पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जब दो क्रियाओं में से कोई एक क्रिया पहले समाप्त हो तो पहले समाप्त होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है तथा दूसरी जारी रहने वाली क्रिया को समापिका क्रिया कहते हैं। जैसे —-

  1. मैं सुबह उठकर गर्म पानी पीता हूं।
  2. आप रात को दूध पीकर सोते हैं।
  3. दादाजी पार्क में टहलकर अखबार पढ़ते हैं।

पूर्वकालिक क्रिया –उठकर ,पीकर ,टहलकर समापिका क्रिया— पीता ,सोते ,पढ़ते।

प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जो क्रिया प्रेरक कर्ता के कहने पर प्रेरित करता द्वारा की जाए वह क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।

प्रेरक कर्ता— यह कर्ता क्रिया को स्वयं न करके दूसरे को प्रेरणा देता है करने के लिए।

प्रेरित कर्ता —जिसके द्वारा क्रिया संपन्न हो वह प्रेरित करता कहलाता है। जैसे —

  1. सुरेश ने महेश से चाय बनवाई।
  2. आपने अपने मम्मी से कपड़े धुलवाये।
  3. खाने के पैसे गीता ने सीता से दिलवाएं।
  4. मालिक ने किसान से हल चलवाया।
  5. शीला ने मोची से जूते पॉलिश करवायी।

द्विकर्मक क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जहां दो कर्ताओं के सक्रियता पर कोई क्रिया निर्भर हो वहां द्विकर्मक क्रिया होती है। अथवा जहां कोई क्रिया दो कर्ताओं के बीच में संपन्न हो। इस प्रकार के क्रिया  में को कारक रहता है जैसे—

  1. माताजी ने बच्चे को खाने के लिए लड्डू दिए।
  2. सुरेश ने रमेश को ₹100 उधार दिए।

नामधातु क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जो क्रिया संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण शब्दों से बनी हो बनी हो अर्थात संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण शब्दों के अंत में आना, आवना प्रत्यय जोड़ने पर बनाई जाती है। जैसे–बतियाना, लतियाना, गरमाना, लज्जाना, शर्माना, हिनहिनाना, अपनाना आदि।

  1. बच्चे रास्ते में बतियाते हुए जा रहे हैं।
  2. पुलिस चोर को लतियाते हुए ले जा रही है।
  3. जरा मेहमानों के लिए थोड़ी चाय गर्मा दीजिए।
  4. मीरा अपने ससुर से लज्जाती है।
  5. मेंढक कुएं में टर्रा रहे हैं।

क्रियार्थक संज्ञा किसे कहते हैं उदाहरण सहित

जो क्रिया संज्ञा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है वह  क्रियार्थक संज्ञा कहलाता है। जैसे—

  1. यहां सोना सख्त मना है।
  2. आजकल सोना बहुत महंगा हो गया है।

प्रथम उदाहरण में सोना शब्द  क्रिया के रूप में प्रयोग हुआ है तथा दूसरे उदाहरण में सोना शब्द संज्ञा के रूप में प्रयोग हुआ है अतः हम सोना को क्रियार्थक संज्ञा कहेंगे।

क्रियार्थक संज्ञा पर प्रश्न निम्न प्रकार से बनते हैं—

निम्न में से क्रियार्थक संज्ञा बताइए।

  1. रोना
  2. हंसना
  3. गाना
  4.  सोना

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  1. संज्ञा किसे कहते हैं और उसके भेद।
  2. तत्सम शब्द पहचानने का ट्रिक।
  3. तद्भव शब्द किसे कहते हैं और पहचानने का ट्रिक।
  4. विशेषण किसे कहते हैं तथा उसके भेद

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