बीएड वालों को हटाने पर अड़़ गए डीएलएड प्रशिक्षु||लोकसभा चुनाव से पहले रिक्त पद भरने की तैयारी||नई शिक्षक भर्ती के लिए कम को लिखा पत्र||
यदि आप टीचर बनाने की तैयारी कर रहे हो या फिर आपके घर परिवार का कोई बच्चा टीचर बनने की तैयारी कर रहा हैं तो आप इस विषय से भली भांति अवगत होंगे। यदि आप अवगत नहीं है तो मैं आपको बता देना चाहता हूं कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती से b.ed वालों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को मान्य करने वाली राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की 28 जून 2018 की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों में जमकर खींचातानी चल रही है। राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संभाल के बीटीसी 2015 बैच के प्रशिक्षण रजवाशु आर्य की भी याचिका संबंध्द थी। पिछले महीने की 11 अगस्त 2023 को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के पश्चात रजवासन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर बीएड चयनितों को बाहर करने की मांग की है। डीएलएड प्रशिक्षण के द्वारा यह मांग इस तथ्य के अनुसार उठाया गया है कि जो अधिसूचना एनसीटीई ने जारी किया था सन 2018 में 28 जून को उस अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निरस्त कर दिया गया है तो जो भी बीएड स्टूडेंट इस अधिसूचना के तहत भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और वह नौकरी कर रहे हैं और जब उसे अधिसूचना को ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रद्द कर दिया गया है तो वह नौकरी के लिए पात्र कैसे हुए।
निदेशक एससीईआरटी लखनऊ और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को विजय पत्र में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 69000 भारती के लिए 5 दिसंबर सन 2018 को जारी विज्ञापन रद्द करने की मांग की है। राज वासु का कहना है कि एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने की सूचना सभी राज्यों को भेज दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से नोट तो अब तक कोई आधिकारिक बयान आया है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है।
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हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी याचिकाएं
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती से b.ed अभ्यर्थियों को बाहर करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यचिकाएं हो चुकी हैं। इस भर्ती में मामूली अंकों से वंचित डीएलएड वह बीटीसी अभ्यर्थियों ने चयनित बीएड डिग्री धारी शिक्षकों को 6 महीने का अनिवार्य ब्रिज कोर्स नौकरवाने को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका की थी। उससे पहले शिक्षामित्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका की गई थी।
नई शिक्षक भर्ती के लिए CM को लिखा पत्र
प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के 1.26 लाख पद रिक्त होने के बाद भी बेसिक विभाग की ओर से कोई भी रिक्त पदों का डाटा सरकार को मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इसमें डीएलएड प्रशिक्षण पूर्ण किए 8 लाख से अधिक प्रशिक्षु 5 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक भर्ती की राह देख रहे हैं। राज्यसभा में भी सदस्य द्वारा शिक्षकों के रिक्त पदों का उत्तर मांगा गया था डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ प्रकरण पर 51 हजार 112 अगली शिक्षक भर्ती देने का हलफनामा लगाया था। लेकिन 5 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भी बेसिक विभाग भर्ती नहीं कर रहा है। इसको लेकर प्रशिक्षित मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं और उसी के संबंध में कम को पत्र लिखने के साथ 2 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया।
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