उत्तर प्रदेश प्राइमरी शिक्षक भर्ती कब तक,2023||यूपी में शिक्षक भर्ती कब निकलेगी||शिक्षक भर्ती के लिए रात भर धरने पर बैठे रहे बेरोजगार
प्रदेश में हर साल डेढ़ लाख विद्यार्थी बीएड की पढ़ाई पूरी करते हैं B.Ed करने के पीछे उनका एकमात्र लक्ष्य शिक्षक बनना है। यही लक्ष्य बीटीसी / डीएलएड के अभ्यर्थियों का भी है, लेकिन राज्य की माध्यमिक विद्यालयों और परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 5 वर्षों से कोई भी भर्ती नहीं आई है। अभ्यर्थी डिग्री डिप्लोमा लेकर नौकरी के लिए भटक रहे हैं। राजकीय विद्यालय में सहायक अध्यापक यानी एलटी ग्रेड शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए मार्च 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद एलटी ग्रेड शिक्षक की कोई भी भर्ती नहीं आई है। इस भर्ती में बीएड योग्यता होना अनिवार्य रहता है। उत्तर प्रदेश में पिछले 5 वर्षों के दौरान तकरीबन 7: 50 लाख अभ्यर्थी B.Ed की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और डिग्री होने के बावजूद नौकरी के लिए भटक रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन 6000 पदों का अधियाचन पड़ा है लेकिन समक्ष अहर्ता पर स्थिति स्पष्ट न होने से भर्ती अटकी पड़ी है। यह प्रक्रिया लगभग 1 साल से लंबित पड़ी है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में नौकरी का सपना लेकर घूम रहे बीएड डिग्री धारकों को फिलहाल जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। वहीं परिसदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए पिछले 5 वर्षों से कोई भर्ती नहीं निकल गई है। इस दौरान 500000 से अधिक अभ्यर्थी बीटीसी डीएलएड की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। कटरा में रहने वाले प्रतियोगी छात्र मृत्युंजय दुबे और तिलक नगर के अंशुमान सिंह का कहना है कि बीटीसी डीएलएड अभ्यर्थी सिर्फ प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अर्हता रखते हैं। अगर भर्ती नियमित रूप से नहीं करनी है तो बीटीसी डीएलएड का कोर्स भी बंद कर देना चाहिए। प्रतियोगी छात्र मोर्चे के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि छात्र शिक्षक बनने के लिए कड़ी मेहनत करके बीएड और बीटीसी डीएलएड का कोर्स पूरा करते हैं ऐसे में सरकार को हर साल नियमित रूप से शिक्षकों के पदों पर भर्ती निकालनी चाहिए। अगर इस साल भर्ती नहीं निकली तो बेरोजगारों की फौज और बढ़ेगी।
- बीएड वालों को हटाने पर अड़़ गए डीएलएड प्रशिक्षु
- बेसिक शिक्षक बने B.Ed. डिग्री धारक मुश्किल में
- प्राथमिक भर्ती में मौका पाने के लिए अडे़ B.Ed विद्यार्थी
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शिक्षक भर्ती के लिए रात भर धरने पर बैठे रहे बेरोजगार
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 1.26 लाख रिक्त पद होने के बावजूद 5 वर्षों से भर्ती शुरू नहीं होने पर डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार सोमवार को पूरी रात पत्थर गिरजाघर के पास धरने पर बैठे रहे। रिचा साहू, पूनम यादव, स्नेहा सिंह समेत कई लड़कियां भी धरने दे रही हैं। डीएलएड प्रशिक्षित मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह का कहना है कि जब तक उनकी मुलाकात बेसिक शिक्षा मंत्री या बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल से नहीं करा दी जाती और नई भर्ती शुरू होने का लिखित आश्वासन नहीं मिलता तब तक वह धरने से नहीं उठेएंगे धरना देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष विश्व यादव, विनोद पटेल, लव कुश मौर्य, धर्मवीर मौर्य, अजीत यादव, सुधीर, अनंत, विजय आदि शामिल है।
यूपी में नई शिक्षक भर्ती कब होगी||उत्तर प्रदेश प्राइमरी शिक्षक भर्ती
उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षक भर्ती को लेकर छात्रों का रोस बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती की मांग 11 अगस्त 2023 सुप्रीम कोर्ट के निर्णय (कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय में पढ़ने के लिए बेड को शामिल किया गया था जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अब बाहर कर दिया गया) आने के बाद से बढ़ गई है। डीएलएड प्रशिक्षकों का कहना है कि 2018 से प्राइमरी शिक्षक भर्ती नहीं आई है और आरटीआई के माध्यम से प्रशिक्षकों ने या आंकड़ा निकला है कि प्राथमिक शिक्षकों की अति आवश्यकता है जबकि सरकार के मंत्री द्वारा विधानसभा में यह भाषण दिया गया कि शिक्षक और छात्र का अनुपात बराबर है। ऐसे में देखा जा रहा है कि अभी भर्ती आने की संभावना दूर तक नहीं नजर आ रही है।
सरकारी विद्यालयों में 70000 पदों पर जल्द होगी शिक्षकों की नियुक्ति
उत्तर प्रदेश में डीएलएड बीटीसी वह b.ed अभ्यर्थी धरने पर धरना दे रहे हैं। इनके द्वारा भारती की मांग की जा रही है वहीं बिहार राज्य की बात करें तो भर्ती का बाहर टूट पड़ा है।
हफ्ते भर के अवकाश के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक मंगलवार को काम पर लौट आए। आते ही उन्होंने 29000 मध्य विद्यालयों में 31882 पदों और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37660 रिक्त पदों संबंधित रोस्टर क्लीयरेंस की प्रगति की समीक्षा की। फिर इस बारे में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अफसर के साथ बैठक की और रोस्टर क्लीयरेंस शीघ्र पूरा करने का टास्क दिया। खासतौर पर बिहार लोक सेवा आयोग को करीब 70000 रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने को कहा।